उत्तराखंड के नैनीताल जिले में नीम करोली बाबा का आश्रम स्थित है। नीम करोली बाबा एक दिव्य संत थे। नीम करोली बाबा का जीवन प्रेम, सेवा और विश्वास की मिसाल था। आज भी उनके अनुयायी लाखों की संख्या में उनमें आस्था रखते है और प्रतिवर्ष कैंची धाम पहुंचकर बाबा के दर्शनों का लाभ लेते है। नीम करोली बाबा हनुमान जी के इतने निकट थे कि लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार मानने लगे।
नीम करोली बाबा ने केवल 17 साल की उम्र में परम ज्ञान की प्राप्ति कर लिया था। कैंची धाम आश्रम जहां उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा बिताया, आज भी भक्तों के लिए एक अद्भुत शक्ति स्थल बना हुआ है। लेकिन अगर आप नीम करोली बाबा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो आपको किसी धार्मिक अनुष्ठान करने की जरूरत नहीं है। सच्चे मन से भक्ति कर के भी आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ
नीम करोली बाबा का आशीर्वाद पाने के लिए नियमित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। नीम करोली बाबा हनुमान जी के परम भक्त थे, इतना ही नहीं श्रद्धालु उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं।
जरूरतमंदों की सेवा
नीम करोली बाबा का जीवन प्रेम और सेवा को समर्पित थी, ऐसे में सच्चे दिल से जरूरतमंदों की सेवा करना ही बाबा की सच्ची भक्ती है। नीम करोली बाबा का उपदेश था कि सेवा ही सबसे बड़ा पूजा है। बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करना ही ईश्वर की वास्तविक भक्ति होती है।
सकारात्मक सोच
हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच बनाए रखने वालों को ही भाग्य का साथ मिलता है। नीम करोली बाबा के अनुसार जो व्यक्ति आशावादी नजरिये से आगे बढ़ता है, वही सच में सफल होता है। नकारात्मकता से दूर रहकर ही सफलता और नीम करोली बाबा का आशीर्वाद पाया जा सकता है।
भगवान की सच्ची श्रद्धा
नीम करोली बाबा भगवान में गहरी आस्था और सच्ची भक्ति रखते थे। उनका मानना था कि भक्तों का जीवन ईश्वर की कृपा से संवरता है। भक्ति केवल पूजा नहीं, बल्कि प्रेम, समर्पण और विश्वास का नाम है, जो व्यक्ति को भीतर से शांत और शक्तिशाली बनाता है।
-Shraddha Mishra