
शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव पर संघर्षविराम की सहमति हो गई है लेकिन पाक ने नापाक हरकत करते हुए सीजफायर को 4 घंटे के अंदर ही तोड़ दिया इसके बाद चीन ने दोगलापन दिखाया, पहले तो पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए चीन ने एक ओर जहां आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया और अब चीन ने पाकिस्तान के समर्थन में बोलते हुए कहा कि वो उसके साथ खड़ा रहेगा।
पहले आतंकवाद की निंदा, फिर पाकिस्तान का समर्थन — चीन की दोहरी नीति उजागर
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार(10मई,2025) को कहा कि उनका देश पाकिस्तान की “संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता” को बनाए रखने में उसके साथ(पाकिस्तान) खड़ा रहेगा। यह घटना भारत-चीन-पाकिस्तान के बीच चल रही कूटनीतिक रस्साकशी का एक नया अध्याय बन गई है, जहां चीन की 'दो चेहरे वाली' नीति पर सवाल उठने लगे हैं।
चीन ने पाकिस्तान की संप्रभुता की रक्षा का वादा दोहराया
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता की रक्षा में चीन के समर्थन को दोहराया. वांग यी ने पाकिस्तान को 'हर मौसम का रणनीतिक साझेदार' और 'लोहे जैसा दोस्त' बताया. चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि वांग ने पाकिस्तान के संयम और जिम्मेदाराना रवैये की सराहना की है.
भारत से भी संपर्क में चीन, आतंकवाद की निंदा पर दोहरा संदेश
हालांकि, इसी के साथ वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी फोन पर बातचीत की और पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने कि चीन आतंकवाद का विरोध करता है. चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य जटिल और अस्थिर है. ऐसे में एशिया में शांति और स्थिरता बेहद जरूरी है और उसे संभालकर रखना चाहिए.
चीन की सलाह: भारत-पाक बातचीत से सुलझाएं मतभेद, टकराव से बचें
चीन ने यह भी कहा कि वह चाहता है कि भारत और पाकिस्तान दोनों पक्ष संयम बरतें, आपसी मतभेदों को बातचीत और परामर्श से सुलझाएं, और किसी भी तरह की सैन्य टकराव की स्थिति से बचें. बीजिंग ने उम्मीद जताई कि दोनों देश व्यापक और स्थायी संघर्षविराम की दिशा में आगे बढ़ेंगे, जो न केवल दोनों देश, बल्कि पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहता है.
विशेषज्ञों की राय: चीन का ‘जैनस जैसा दोमुंहा चेहरा’ बेनकाब
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की यह नीति दोमुंही है, जहां एक ओर वह आतंकवाद की निंदा करता है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा दिखाई देता है, जो कई बार आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है. रोम के दोमुंहे देवता 'जैनस' की तरह चीन भी एक साथ दो चेहरों के साथ दुनिया के सामने खड़ा है।
पाकिस्तान ने संघर्षविराम पर चीन का जताया आभार
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संघर्षविराम की घोषणा के बाद चीन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि मैं चीन के राष्ट्रपति और वहां की जनता को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं, जो पिछले 58 वर्षों से पाकिस्तान के साथ खड़े हैं. संघर्षविराम की घोषणा भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले ड्रोन और से धन्यवाद देना चाहता हूं, जो पिछले 58 वर्षों से पाकिस्तान के साथ खड़े हैं.
चार दिनों की जंग के बाद परमाणु युद्ध की दहलीज से लौटे भारत-पाक
संघर्षविराम की घोषणा भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद हुई, जो दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों को पूरे युद्ध के मुहाने तक ले गई थी. शनिवार को भारत और पाकिस्तान ने जल, थल और वायु मार्ग से सभी सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति जताई.
संघर्षविराम के पीछे किसका दबदबा? अमेरिका-चीन-सऊदी सबने जताया दावा
हालांकि, इस समझौते को लेकर कई देशों ने दावा किया कि इसमें उनकी भूमिका रही है. कई रिपोर्ट में कहा गया कि यह समझौता चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब सहित कई देशों की गहन कूटनीतिक कोशिशों के बाद हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि यह समझौता अमेरिका द्वारा कराए गए मध्यस्थता के प्रयासों का नतीजा है। वहीं भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह समझौता पूरी तरह से द्विपक्षीय बातचीत का परिणाम है और इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं हुआ. भारत का यह भी कहना है कि पाकिस्तान ने इस संघर्षविराम के लिए बिना किसी शर्त या अन्य मुद्दों से जोड़ने की कोशिश किए बगैर सहमति जताई।
Published By-Anjali Mishra