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बिहार में विधानसभा चुनाव साल 2025 के अक्टूबर नवंबर महीने में होने वाले है। जिसे ध्यान में रखते हुए बिहार की सभी चुनावी पार्टिया अपने-अपने स्तर पर तैयारी में जुट गई है। वहीं सभी राजनीतिक दलों ने भी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल चालू कर दिया है जिससे बिहार का चुनावी माहौल गर्माता दिख रहा है। ऐसे में बिहार की जनता का मिजाज समझने के लिए कुछ पुराने आंकड़ो पर भी नजर डालनी पड़ेगी। इसी क्रम में हम इस बार सासाराम विधानसभा पर एक नजर डालेंगे।
2020 में सासाराम विधानसभा का समीकरण
साल 2020 में सासाराम सीट पर हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां का सियासी समीकरण समझ आता है।सासाराम बिहार के रोहतास जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। सासाराम की साक्षरता दर 80.26 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 74 प्रतिशत से काफी अधिक है। सासाराम विधानसभा क्षेत्र जाति-आधारित मतदान वाला क्षेत्र माना जाता है। ज्यादातर यहां कुशवाहा समुदाय के नेताओं को ही चुना जाता रहा है।
अब तक इस निर्वाचन क्षेत्र में 17 विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें समाजवादी पार्टी ने 10 बार, भाजपा ने 5 बार और कांग्रेस ने 2 बार विजय प्राप्त की है।
सासाराम कभी नहीं रहा कांग्रेस का गढ़
सासाराम हाल के साल में BJP और RJD के बीच मुकाबले का केंद्र बन गया है। BJP ने इस सीट से लगातार 3 बार जीत दर्ज की है तो RJD ने 2 बार जीत का परचम लहराया है। वहीं 2020 चुनाव में BJP को यह सीट अपने सहयोगी JDU को सौंपनी पड़ी थी। JDU उम्मीदवार अशोक कुमार, RJD के उम्मीदवार राजेश कुमार गुप्ता से 26,423 मतों के बड़े अंतर से हार गए थे। 2020 में RJD के निराशाजनक प्रदर्शन से यह संकेत मिलता है कि भाजपा इस बार अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारकर सीधे RJD को टक्कर दे सकती है। यह संभावना इसलिए भी बढ गई है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने इस विधानसभा क्षेत्र में RJD पर बढ़त हासिल की थी।
सासाराम की भौगोलिक स्थिति
सासाराम विधानसभा क्षेत्र सासाराम लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर अनुसूचित जाति के 17.55 और मुस्लिम समुदाय के 15.20% मतदाताओं का प्रदर्शन है। सासाराम ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है यहां 66.70 फीसदी मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और बाकी 33.31 फिसदी मतदाताओं की संख्या शहरी क्षेत्र की है। 2024 तक इस क्षेत्र में कुल 3,57,849 मतदाता थे। चुनाव आयोग के इस साल के अपडेटेड के बाद मतदाता की सूची जारी करने के बाद इस संख्या में परिवर्तन दिख सकता है।
- YUKTI RAI