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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए रविवार का दिन ऐतिहासिक रहा। जब रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया गया और लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन और परीक्षण केंद्र का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक मौके पर मौजूद थे।
ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे खतरनाक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में गिना जाता है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री ने टाइटेनियम और सुपर एलॉय मटेरियल्स प्लांट का भी उद्घाटन किया, जो एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग के लिए खास सामग्रियाँ बनाएगा। इनका इस्तेमाल अंतरिक्ष मिशनों और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया संबोधित
मुख्यमंत्री योगी ने अपने भाषण में कहा कि उत्तर प्रदेश अब रक्षा क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू रहा है। उन्होंने तीनों सेनाओं को ऑपरेशन सिंदूर में उनके साहस के लिए बधाई दी और कहा कि आतंकवाद को उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। आगे उन्होंने यह भी कहा कि ब्रह्मोस की ताकत जाननी हो तो पाकिस्तान से पूछो।
सीएम योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के जरिए लगभग 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश और एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है। यह कॉरिडोर छह शहरों लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट में बनाया जा रहा है।
इसकी क्षमता 290 से 400 किलोमीटर
ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट को तैयार करने में साढ़े तीन साल लगे है। यह भारत और रूस के साझा सहयोग से बनाई गई है। इसकी मारक क्षमता 290 से 400 किलोमीटर तक है और यह जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है। इसकी रफ्तार ध्वनि से करीब तीन गुना तेज है, और यह 'फायर एंड फॉरगेट' तकनीक पर काम करती है यानी एक बार लॉन्च होने के बाद यह अपने लक्ष्य को खुद खोज लेती है।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई, जिससे लोगों को इस क्षेत्र में हो रहे विकास की जानकारी मिली।
- YUKTI RAI