
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मंगलवार को कैबिनेट में बड़ा फेरबदल करते हुए भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री नियुक्त किया। इस अवसर पर उन्हें मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) कनाडा की नई विदेश मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। अनीता आनंद ने मेलोनी जोली की जगह ली हैं, जिन्हें अब परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कनाडा की लिबरल पार्टी की सदस्य अनीता आनंद ने शपथ लेते समय भगवद गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली।
भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की चुनौती
प्रधानमंत्री कार्नी ने नए मंत्रिमंडल की घोषणा की, जिसमें कुल 28 मंत्री शामिल हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट के 39 मंत्रियों की तुलना में कम है। विदेश मंत्री के रूप में अनीता आनंद के सामने भारत के साथ टूट चुके रिश्तों को फिर से मजबूत करने और डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन के साथ नाजुक संबंधों को संभालने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
आनंद का मंत्रिमंडल में शामिल होने पर बयान
कैबिनेट का हिस्सा बनने के बाद अनीता आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म "एक्स" पर एक पोस्ट में कहा, "कनाडा की विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किए जाने पर मैं गर्व महसूस करती हूं। मैं प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और हमारी पूरी टीम के साथ मिलकर कनाडावासियों के लिए एक सुरक्षित और निष्पक्ष दुनिया बनाने तथा उन्हें बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए काम करने के लिए उत्सुक हूं।" उन्होंने शपथ ग्रहण का वीडियो भी साझा किया।
अनीता आनंद के बारे में
अनीता आनंद का जन्म 20 मई 1967 को कनाडा के केंटविले में एक प्रवासी डॉक्टर परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता 1960 के दशक की शुरुआत में भारत से कनाडा आए थे। उनकी मां पंजाब से और पिता तमिलनाडु से थे। अनीता की दो बहनें गीता और सोनिया हैं।
कनाडा की पहली हिंदू मंत्री
अनीता आनंद ने ओंटारियो से राजनीति विज्ञान में अकादमिक डिग्री हासिल की और न्यायशास्त्र में कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने डलहौजी और टोरंटो विश्वविद्यालय से क्रमशः कानून में स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की। 1995 में अनीता आनंद ने कनाडाई वकील और बिजनेस एग्जीक्यूटिव जॉन नॉल्टन से विवाह किया और उनके चार बच्चे हैं। 2019 में, वह कनाडा के संघीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाली पहली हिंदू मंत्री बनीं।
राजनीति छोड़ने की घोषणा और फिर वापसी
जनवरी में अनीता आनंद ने घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़कर शिक्षा क्षेत्र में लौटने वाली हैं, लेकिन 2025 के संघीय चुनाव में फिर से चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्नी ने उन्हें मंत्रिमंडल में वापस लाकर विदेश मंत्रालय संभालने के लिए राजी कर लिया। वह हाउस ऑफ कॉमन्स में ओकविले ईस्ट राइडिंग का प्रतिनिधित्व करती हैं।
Published By-Anjali Mishra