
भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम हमले के बाद हुए संघर्ष में कई देशों के बयान सामने आए। वहीं, उस दौरान पाकिस्तान के समर्थन में सबसे पहले तुर्की आया था। यहां तक की पाकिस्तान ने भारत पर जो ड्रोन दागे थे, उनमें से कुछ 'मेड इन तुर्किये' के भी थे। वहीं तुर्की के समर्थन के बाद अजरबैजान ने भी पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया था।
पाकिस्तान के इन साथी देशों के खिलाफ देशभर में नाराजगी है, भारत के लोगों द्वारा इन देशों के सामान का बहिष्कार करने की मांग उठ रही है। वहीं, व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भारतीय नागरिकों और व्यापारियों से अपील की है कि वे तुर्की और अजरबैजान का पूरी तरह से बायकॉट करे।
ट्रेड बैलेंस भारत के पक्ष में
तुर्की और अजरबैजान के साथ भारत के अच्छे कारोबारी रिश्ते हैं। दोनों ही देशों के साथ भारत सालाना करीब 12 अरब डॉलर का ट्रेड करता है। वहीं, ट्रेड बैलेंस की बात की जाए तो तुर्की के मामले में वो भारत के पक्ष में है। इसके साथ ही हाल की के कुछ सालों में तुर्की और अजरबैजान में भारतीय पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। एक अनुमान के अनुसार बीते साल दोनों देशों को भारतीय पर्यटकों से करीब 4,000 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
भारतीय पर्यटकों द्वारा बायकॉट किए जाने पर इन दोनों देशों की इकोनॉमी पर काफी गहरा प्रभाव पड़ेगा। भारत की कुछ ट्रैवल वेबसाइट्स नागरिकों को जरूरी न होने पर तुर्की और अजरबैजान की यात्रा न करने की सलाह दे रही हैं। वहीं देश के कई टूर ऑपरेटरों ने तुर्की और अजरबैजान से बुकिंग न लेने का निर्णय लिया है। वहीं ट्रैवल एजेंट लोगों को तुर्की के बजाय ग्रीस जाने की सलाह दे रहे हैं।
तुर्की से कितना है व्यापार?
भारत और तुर्की के बीच पिछले कुछ साल में व्यापार में काफी तेजी आई है। 2023-24 के दौरान भारत ने तुर्की के साथ 6.65 बिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात और 3.78 बिलियन अमरीकी डॉलर का आयात किया था। वहीं 2024-25 के दौरान तुर्की के साथ भारत का निर्यात 5.2 बिलियन अमेरीकी डॉलर और आयात 2.84 बिलियन अमरीकी डॉलर था। यानी ट्रेड बैलेंस भारत के पक्ष में है।
अजरबैजान से कितना है व्यापार?
2023-24 के दौरान भारत ने अजरबैजान के साथ 89.67 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात और 0.74 मिलियन अमरीकी डॉलर का आयात किया था। वहीं, 2024-25 के दौरान भारत ने अजरबैजान के साथ केवल 86.07 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात और 1.93 मिलियन अमरीकी डॉलर का आयात किया था।